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मेरे गीत


 


HINDI SONGS----JAI DADA KHANDERA
HINDI SONGS----JAI DADA KHANDERA---Koi admi sabke liye achchha ya sabke liye bura nahi hota---Narender Kumar




Pa liya to mitty he, kho diya to sona he. dunia ke har nazare par yahi niyam lagu hota he.@ Narender Kumar
Admi APNA Pet Palne Ke Liye Dusroon Ka Pet Kaat Ta Hai --Narender Kumar 
Vishwas karo magar sack ki nazar se -- Ye Sach He Kichad Me Hi Kamal Khilta He, Magar Ye Bhi Sach He Har Kichad Me Kamal Nahi Khilta---Narender Kumar  



सोचा था जिंदगी भर साथ निभाएंगे।
हसेंगे साथ तो गम भी साथ उठाएंगे।
क्या हुआ जो सपने सच ना हुए।
तेरी याद को हमेशा दिल में बसाएंगे।
गुनाह तो तब है जब हम तुमको भूल जायेंगे।
 
बेवफाई को लोग अपनी शान समझ लेते हैं।
बेहयाई को पहचान समझ लेते हैं।
किसी के आंसुओ की कीमत कुछ भी नहीं।
फ्री की दुकान समझ लेते हैं।
 
देखें है जो सपने तुम तोड़ ना देना।
दुनिया आग का दरिया बीच भंवर में छोड़ ना देना।
बड़ी मुस्कील से कर रहा हूं इजहार।
इनकार करके दिल मेरा तोड़ ना देना।


हम वो नहीं जो वक्त के साथ बदल जाते हैं,
साथ दे ना दे कोई, हम साथ निभाते हैं।
खुशी में तो बहुत यार मिल जायेंगे,
हम वो हैं जो गम में भी साथ निभाते हैं।

तुम्हारे और मेरे प्यार मे बस फर्क इतना है।
तुम्हारी बुझ चुकि है आग, मेरी आग बाकि है।
तुम गा चुके हो वफा के राग, मेरा राग बाकि है ।
मिलता नहीं है  छोर,  तलब तब तक ही बाकि है।
मतलब निकलने पर हर शख्स साकि है।


सबसे  शक्तिशाली  वो  होता  है  जो  जख्मी  और  मज़बूर  होता  है , क्यूंकि  न  उसे   जीने  की  तमन्ना  होती  है  न  मरने  का  डर  होता  है -- नरेंद्र  कुमार   

जमाना भी खूब है जिसका पेट भरा है उसे ही थाली परोसता है।
 
भूखों को दोगे तो एहसान भी मानेगा और दुआ भी देगा।खाये पिये ना एहसान मानते, ना दुआ देते, उल्टा गाली देते हैं।
 -  नरेन्द्र कुमार।

कहावत है कि 'जो बोओगे वही काटोगे'
लेकिन ' कुछ बोये हुए बीज़ ऐसे होते हैं जो बोने वाले को ही काटते हैं '। - नरेन्द्र कुमार।


जब आदमी के पास पैसा आता है तो या तो विनम्रता,धर्मत्व,दयालुता लाता है, 
या घमंड,अय्याशी,चरित्रहीनता, मक्कारी और बदतमीजी।
 - नरेन्द्र कुमार


कोई आदमी सबके लिए अच्छा या सबके लिए बुरा नहीं होता - नरेंद्र कुमार

पा लिया तो मिट्टी है, खो दिया तो सोना है।
 
विश्वास करो , मगर शक की नजर से।
 
 
ज्ञानी लड़अ ज्ञानी त, चालांअ ज्ञान की बात।
मूर्ख लड़अ मूर्ख त, चालांअ घुसे लात।
 
गर्म उबलते पानी में अपनी परछाई नहीं दिखती अर्थात गुस्से में आदमी की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है।
ठंडे पानी में परछाई दिखती है अर्थात आदमी शांत हो तो उसकी बुद्धि भी काम करती है।
 
 
खूंटे बंधा बछड़ा पधाड़े मारअ, खुलां पाछअ रह शांत।

 


1. मैंने सुना है हर रात की सुबह होती है।
मगर कुछ रातें इतनी काली होती हैं जिनकी सुबह नही होती।
वो गन्दी झोपड़ियों में गुजरती जिंदगी।वो शराब पीकर गम भुलाने की
कोशिश।वो भूखे पेट उठना भूखे पेट सोने का सिलसिला।
वो रोज रोज के लड़ाई मारपीट ।
उनके बच्चे एक वयस्क से ज्यादा समझदार होते हैं।भूख में भी रोते नही।
अपने माँ बाप को परेशान नही करते।कोई मांग नही करते।जो है जितना है उसी में शांत रहते है।
वो फुटपाथों पर सोने वाले,वो स्टेशनों, अनाथालयों में पलने वाले बच्चे।
वो कचरा बीनते, खाली बोतले चुनते।नशे की गिरफ्त में फंसे बच्चे कैसे जिंदगी जीते है? 
हमारा बच्चा एक घण्टा भी रह नही पाता माँ बाप के बगैर ।अनाथ बच्चा कैसे अकेला दिन गुजारता है।कैसे उसकी रात गुजरती है।कितना वो डरा , सहमा, हैरान , परेशान रहता होगा।
  वो अकेले इस जालिम दुनिया मे भूखे प्यासे , लोगो की गालियां सुनते, मार खाते हुए जिंदगी जीते हैं।गर्मी में मच्छरों से लड़ते हैं।बारिश और सर्दी में ठंड से लड़ते हैं।ना मच्छर भगाने का जुगाड़, न ठंड में ओढ़ने पहरने का जुगाड़ होता है।समय से पहले बुढ़ापा घेर लेता है।बीमारियां घेर लेती हैं।ना बीमारी में कोई दवा मिलती है।ना कोई प्यार से सिर पर हाथ रखने वाला है।ना हौंसला देने वाला है।ना सहारा देने वाला।
ना शायद पोलियो, न शायद टीकाकरण होता है।ना बिजली है, ना पानी है , ना शौचलय है।ना और सरकारी सुविधा मिलती है।ना सपने, ना उमंगे, ना खुशी, ना दुख सुख का कोई साथी।
यही चक्कर उनकी जिंदगी में चलता रहता है।उनकी औलादे भी इसी चक्कर मे पिसती रहती हैं।
और कुछ लोग इन खंडहर हो चुके लोगो को लूटने में भी कोई कसर नही छोड़ते।
इस रात की सुबह नही होती।


2. मां बाप का प्यार दुनिया मे सबसे बढ़कर
पाल लेते है लोग औलाद को मर-मरकर
अगर करते सब इतना प्यार तो ये वंश मार कहाँ होते।
भेद जीवन मरण का जानने को भटकते है लोग दर-बदर
अगर मिल जाते ये भेद सबको तो ये कर्णधार कहाँ होते।
नफरत में बदल जाते है रिश्ते क्यों टूट - टूटकर
अगर रिश्तो की तकरार न होती तो ये पलटवार कहा होते।
भाई बहनों का प्यार भी टूट जाता है बिखर-बिखरकर
अगर लोभ दौलत के ना होते तो ये दोलतदार कहा होते।
अच्छी खासी दोस्ती को लग जाती है किसकी नज़र
होते सभी सचे दोस्त तो ये स्वार्थ दार कहा होते।
गरीबो को शिकायत अपनी गरीबी से
अमीरो को शिकायत अपनी अमीरी से
होता है सबके साथ वही जो भेजा है लिख-लिखकर
मिल जाता अगर मनचाहा तो ये जीवन के सार कहा होते।
कांटो पर चलना सिख कब तक जियेगा डर-डरकर
कांटो की सेज ना होती तो फूलो के हार कहा होते।
माना के बेबसी तड़फाति है रह-रहकर
बेबसी ना होती जीवन मे तो ये प्यार कहाँ होते।
जिंदगी के इम्तिहान में पास होना जरूरी नही
जिंदगी इम्तिहान ना लेती तो ये यार कहाँ होते।
अंधेरे की परछाई इतनी भी गहरी नही की 
चल ना सकें हाथ पकड़कर
अगर ये अंधेरे की परछाईया ना होती
तो रोशनी के दीदार कहाँ होते।
मौत के पैमाने तो छलकते रहेंगे भर-भरकर
अगर पहरे ना होते ज़िन्दगियों पर तो ये पहरेदार कहाँ होते।
दुसरो की वफ़ाएँ भी जफाएँ लगती हैं।
अपनी बेवफ़ाइया भी छुपा लेते वफ़ा कह-कहकर
अगर बेवफ़ाइया ना होती तो वफादार कहाँ होते।
ज़िन्दगी की लहरों में कुछ तैर जाते है डूब-डुबकर
मँझदार ना होती जीवन मे तो ये खेवनहार कहाँ होते।

 
3. ज़िन्दगी ज़हर ना बन जाये संभालो यारो
मज़बूर न इतना करो गरीब को
ये खामोशी कहर ना बन जाये संभालो यारो।
कब तक जलने से बच पाएंगे घर तुम्हारे
ये आग इतनी भी ना फैलाओ यारो
माना आज शक्ति तुम्हारे हाथों में है मगर
कल तुम भी मज़बूर होंगे दुनिया के तमाशे में
जिये मर-मरकर किसी को इतना भी न सताओ यारो।
आह मज़बूर की होती है बड़ी बुरी इस
आह से अपनी पीढ़ी को बचाओ यारो।
दुनिया के रंगमंच से खाली हाथ जाओगे
मांगो जिंदगी से और लम्हे मिल ना पाएंगे
ये साल जिंदगी के गिनते-गिनते निकल जाएंगे
इतना बुरा ना करो कहीं जाते जाते पछताओ यारो।
दो पल के मेहमान सब दुनिया के राहखाने में
ये महल चौबारे छूट जाते है यही
ये घमंड के पिटारे छूट जाते है यही
राजा शहंशाह साधु संत
दुनिया मे ना रह पाया है कोई
इन फिजाओ में जहर के गुबार ना फैलाओ यारो
ज़िन्दगी ज़हर न बन जाये संभालो यारो।

4. आने वाला कल जाने वाले कल से बुरा होगा
हर रिश्ता विस्वास घात पे खड़ा होगा।
ना कोई किसी की बहन होगी
ना कोई किसी का भाई होगा।
रिश्तो की मर्यादा टूटेगी ऐसे
घोर कलयुग में यकीन किसी का भी ना होगा।
बच्चे मां बाप को छोड़ेंगे बीच भंवर में
मां बाप के हाथों बच्चो का खून होगा
जंग होगी गुरु शिष्य में विद्या का सिर झुका होगा।
पुण्य नाशिनी आंधी चलेगी ऐसी
पवित्रता का निशान मिटा होगा।
बदलेंगे मायने दोस्ती के दिलो में ज़हर भरा होगा।
दुनिया मिटे ना मिटे इंसानियत का नाम मिटा होगा।
आने वाला कल जाने वाले कल से बुरा होगा।

5. ख्यालो में कोई आने लगा है
दिल कोई चुराने लगा है।
लगता है कोई अपना बनाने लगा है।
ये दिल अब कहीं लगता नही
जागता है रातभर सोता नही
कोई तीर ए नज़र दिल मे उतरने लगा है
भूल के हमको किसी और पे मरने लगा है।
कितनी हसीन है कितनी है मासूम 
सबसे जुदा है वो सबसे है कमसिन
उसके बिना अब शहर भी बंजर लगने लगा है
ख्यालो में कोई आने लगा है।

6. उस लड़की की क्या तारीफ करूं मैं
चाहत में उसकी आंहे भरू मैं।
गुलाबो सी खुशबू कलियों सी सोखी
अदाएं है उसकी सबसे अनोखी
लड़की नही वो जन्नत की हूर है
चाहत करने को दिल मज़बूर है
दिल करता है सितारों से मांग उसकी भरू मैं।
उस लड़की---
गदराए बदन पर जुल्फ सुनहरी
सुनहरी आंखों में जैसे छुपी हो चाहत गहरी
घोड़ी के जैसे चाल मस्तानी
मिश्री के जैसे बात सुहानी
फूलो सा चेहरा पागल मुझे करने लगा
काश वो भी मोहब्बत मुझसे करे
चाहत यही दिल करने लगा
तमना है इतनी खुशियों से झोली उसकी भरू।
उस लड़की---

 
7. चाहत की दुनिया मे तीन रंग मोहब्बत के
ब्लैक व्हाइट और ग्रे।
जब कोई हज़ारो पे मरे हर किसी से प्यार करे
अपनी हवस के लिए इस्तेमाल करे
ब्लैक रूप को जाहिर करे।
चाहत की दुनिया---
जब कोई से सच्ची मोहब्बत करे
उसके लिए ही जिये मरे
यार को एक पल भी ना दिल से दूर करे
व्हाइट रूप को जाहिर करे।
चाहत की--
जब कोई एक से प्यार करे लेकिन
किसी और को भी दिल मे रखे
देख के वो हसीनो को आंहे भरे
लेकिन साथी पर दिलो जान से मरे
मेरी नज़र में यारो है ये रूप ग्रे।
चाहत की दुनिया---

8. ममता की छांव में महफूज हैं हम तुम
सिर पे हाथ कदम है साथ हरदम।
हमेशा हमे चाहे वो दिल से
हमारे बिना मां को कहीं चैन ना आये
हमारे लिए वो सारे गम उठाये
मां का कर्ज कोई चुका ना पाए लेकर भी हज़ारो जन्म।
ममता की छांव---
हम भी कैसे नादान है यारो
छोड़ देते है उनको किसके सहारे
हम नदियां उनकी वो सागर हमारे
मां का जीवन हुआ सफल
ये अहसास दिलाये उनको हम
ममता की छांव---


9. दिल टूट जाता है जब कोई अपना रूठ जाता है
बहुत याद आता है जब कोई अपना छूट जाता है।
क्या याद है तुमको वो पल वो मीठी बातें
रहते थे जब हम हस्ते खिलखिलाते
तुम कैसे भूल सकते हो देखे थे जो सपने
सपनो का बुलबुला आखिर फुट जाता है।
दिल टूट जाता---
खाबो में आना छोड़ा नही तुमने
दिल को जलाना छोड़ा नही तुमने
क्या झूठे थे तुम भी क्या झूठे थे सपने
तेरी तस्वीर लगाई थी मैने तो दिल मे अपने
बनके कोई अपना कैसे अरमानो को लूट जाता है।
दिल टूट जाता---

10. भाई बहनों का प्यार जहां में 
सबसे है अच्छा यार जहां में
मतलब का है सारा जमाना
भाई मेरे तू भूल ना जाना
खून के रिश्ते भूल नही सकते
भूल जाता है यार भी अपना
दुख में जब हर कोई भूल जाएगा
खून का रिश्ता आखिर काम आएगा
उनसे पूछो भाई बहन जिनके नही होते
जीते तो है लेकिन तन्हा है जहां में
भाई बहनों का ---
क्या याद है तुमको बचपन के वो दिन
लड़कर भी हम साथ थे हर दिन
क्या याद है वो धूल में गिरना
आपस मे लड़ना रूठ कर बात ना करना
फिर एक दूसरे को प्यार से मनाना
मिलकर खुशियां बांटी मिलकर गम उठाया
हमको जीवन भर यूँ ही साथ है चलना
इतना प्यार रिश्ता दूजा है कहाँ पे
भाई बहनों का प्यार---

 
11. सपना था एक हसीन आशिया बनाएंगे
प्यार का नया जहां बसायेंगे
जालिम बड़ी है दुनिया मगर
जलती है किसी को खुश देखकर
सोचा था सबको एकदिन प्यार सिखाएंगे
क्या पता था नफरतो की आग में खुद ही जल जाएंगे
बदलना चाहो दुनिया अगर बदल न पाओगे लहू सींचकर
सपना था-- 
क्या पता था सपने ऐसे बिखर जाएंगे
अपने भी एक दिन ऐसे बदल जाएंगे
जाना पड़ेगा अपनी जड़े छोड़कर
स्वार्थ भरा हर रिश्ता तोड़कर
सपना था---
गुजरे हुए लम्हे याद आएंगे
इस मिट्टी की महक भूल ना पाएंगे
कभी ज़िन्दगी की राहों में मुलाकात हो गई अगर
कैसे मुँह दिखाओगे तड़फ जाता हूँ यही सोचकर
सपना था---

12. हंसते हंसते रोना पड़ता है पाकर भी सब खोना पड़ता है
ज़िन्दगी यूँ तो रुलाती है बहुत अश्को को छुपाकर मुस्कुराना पड़ता है।
बिन मतलब के यहां कोई बात नही करता
सुख के साथी सब है दुख में कोई साथ नही चलता
अपने भी बन जाते है दुश्मन 
तन्हा ही ज़िन्दगी का सफर काटना पड़ता है।
ज़िन्दगी यूँ तो---
मज़बूरियों का हर कोई फायदा उठाते है
रोते हुए को लूटकर और रुलाता है
अपनो के खून का प्यासा कैसा ये इंसान है
पल पल मरकर भी जीना पड़ता है।
ज़िन्दगी यूँ तो--
हंसते हंसते रोना---

13. ये मौसम और ये तन्हाई दिल मे आग लगती है
ठंडी हवाएं गर्म रज़ाई हमे कुछ याद दिलाती है।
हमने तो देखे सपने हज़ार मिलेगा हमको भी किसी का प्यार
किस्मत कहाँ सबको प्यार से मिलती है।
ये मौसम--
कटते नही ये दिन अकेले अकेले
अबके ये तन्हाई मेरी जान ना लेले
प्यार बिना दुनिया कैसे जिंदगी बिताती है।
ये मौसम---
हार गया हूँ करवट बदल बदलकर
काश मेरे घर आती कोई दुल्हन बनकर
रह जाये ना खाब ये अधूरे चिंता यही सताती है

14. पहले पहले प्यार का कैसा ये अहसास है
खुशबू है फिजाओ में महक कुछ खास है
दूर होके भी कितनी तू दिल के पास है
हर घड़ी बस मिलने की आस है
बदला बदला अब तो मेरा अंदाज़ है
मीठे मीठे गुजरते है दिन मीठी मीठी रात है
गगन कुछ कह रहा हवाएं हमराज हैं।
ख्यालो में उसी के गुजरते दिन रात है
नाम से उसके महकती हर सांस है।
पहले पहले प्यार --
चहरे पे ताजगी बातो में सादगी
आंखों में है चमक काया में है निखार
कोई न कर सका उतना में प्यार करु
बुझ के भी जो ना बुझे कैसी ये प्यास है
पहले पहले प्यार का ---

15. छोड़ कर तेरा जहां हम चले मुबारक हो तुम्हे प्यार तुम्हारा
लुटाकर अपना जहां हम चले।
आँशुओ को पी लेंगे तन्हा अब जी लेंगे
चाहतो की अब हसरत नही टूट जाना मेरी फितरत नही
छोड़ कर तेरा---
अफसोस है दिल जीत ना पाया
जीवन भर पीछा करेंगी तेरी परछाइयां
तुम साथ अगर होते काट लेते नफरतो का ये सफर
छोड़ कर--
पल पल अब तो तेरी याद रुलायेगी
हंसी चहरे पर होगी मगर दिल जलायेगी
दुवा है ये ज़िन्दगी की राहों में फिर ना हम मिले
छोड़ कर तेरा---

16. तन्हाई के साये है वो याद हमे आये है
बिरह की अग्नि जलाये है बदन में आग लगाए है
ना चैन मिले मेरी सांसो को ना दिल सुने मेरी बातों को
यादे उसकी तड़फाये है 
तन्हाई के ---
कितने कठिन है ये प्यार के रास्ते
एक पल की दूरी भी वर्षो की जुदाई बन जाये है
तन्हाई के ---

नैन नशीले गोरा बदन वो करके वॉर गया
आंख कटारी चहरा गुलाबी वो मुझको मार गया।
उसके चेहरे पे है गज़ब की सूखिया 
होठो पे है बुलबुलो सी नर्मिया
दीवाना कर दे चहरे से झलकता प्यार
पलके मोती कातिल मुस्कान वो आंख करके चार गया।
आंख कटारी---
सबसे हंसी है उसकी अदा लंबा तगड़ा बदन है सबसे जुदा 
चीते जैसी फुर्ती है शेर जैसी दहाड़ है
कितना सुंदर लगता है बिना सिंगार
फड़कते बाजू छोड़ा सीना
कोई रोको महफ़िल से यार गया
आंख कटारी---

17. प्यार रुलाता है पल पल तड़फाता है
सपने दिखाता है आंखे छलकाता है।
प्यार का हर वादा तो होता है झूठा
इसे समझेगा वो जिसे प्यार ने लूटा
गुजरा हुआ कल हर पल रुलाएगा
चाहकर भी तू कभी भूल न पायेगा
क्यों कोई प्यार करके दिल को जलाता है।
प्यार रुलाता है---
सपनो में आकर चैन चुराकर अब भी क्या तुम्हें चैन मिलता है।
मांगने से क्या कभी कुछ मिलता है।
प्यार रुलाता--
जब भी याद तेरी आएगी हमे बढ़ा रुलायेगी
प्यार भरे वो पल कैसे भूल जाउ बिता हुआ कल
क्यों कोई सपने दिखाकर गम दे जाता है।
प्यार रुलाता---

18. दोस्त तो बहुत बन जाते है दोस्ती मगर निभा नही पाते है।
पड़ती है जब उनकी जरूरत बीच राह में छोड़ जाते है।
खो जाते है रिस्ते दुनिया की भीड़ में
सारे बंधन तोड़कर 
हम ये रिस्ता निभांएँगे सारे मिथक तोड़कर
हम वो नही जो कसमे तोड़ जाते है।
दोस्त तो ---
सहने पड़े चाहे कितने भी गम
बदल जाएे चाहे जमाना बदलेंगे ना हम
हर सितम सहकर भी लिखेंगे फसाना
माना मुश्किल बड़ा है दोस्ती निभाना
हम वो नही जो ईमान तोड़ जाते है।
दोस्त तो बहुत--

19. मां बाप के अहसान हम जन्म जन्म तक चुका सकते नही
कितने महान है वो सब्दो में बता सकते नही।
जितना त्याग वो करते है हमारे लिए 
उतना त्याग हम कर सकते नही।
वो हमें सबसे अलग होने का अहसास कराए
हर मुश्किल में होंसला वो बढ़ाये
मां बाप ही तो हमे जीना सिखाते है
वो ही तो हमे रास्ता दिखाते है
मा के बिना घर सुना सुना लगता है
वो साथ हों तो टकराने से भी हम डरते नही।
जितना त्याग---
सुना सुना सा हर मंजर लगे खुशियों को जैसे जर लगे
याद हैं वो बचपन के दिन उनके बिना तो कदम बढ़ाने पर भी डर लगे।
जिनको मां नही रो रोकर उनकी जिंदगी कटे
खुशी में गम में मां की कमी उनको खले
वो मां ही तो है जो हर आह पे हमे याद आती है
अपने सारे गम भूल जाते है मुह से मां बाप सुनकर
उनकी कमी के घाव भर सकते नही
जितना त्याग---

20. गम के दो पल बित जाएंगे कल
इतना मायूस न हो मेरे रहबर।
यूँ तो मायूशियाँ बनके हमसफर साथ चलेंगी तेरे ज़िन्दगी भर।
खड़े है उजाले राहों पर तु दो कदम और तो चल।
गम के दो--
कर रही है खुशियां तेरा भी इंतजार 
किस्मत पे कर ले थोड़ा एतबार
एक नई जिंदगी की शुरुवात कर
मिल जाएगा तेरी अच्छाइयों का फल।
गम के दो--
लड़ेंगी तेरी कमजोरियां ताकत बनकर
चलेगा जो संबल संभल कर
कट जाती है जिंदगी अपनो का साथ हो अगर।
गम के दो---

21. तेरे बगैर क्या जिंदगी ओ बेखर कर ले यकीं
तू बंदगी तू हर खुशी तेरे बिन कुछ नही कुछ नही।
प्यार की तालीम कोई सिखाता नही
हर चेहरे पर दिल आता नही
धड़कने क्यों बढती उसे देखकर राज ये कोई समझ पाता नही।
तेरे बगैर ---
में गुमनाम सा था अपनी ही राहों में चाहत की गलियां दिखाई आपने
हाथ छुड़ाकर कभी जाना नहीं ओ बेखबर कर ले यकीं।

22. तू सावन है तू बादल है खुशियों का तू आँचल है।
ओ मां ओ मां ----
तेरे लिए जीना है तेरे लिए मरना है
ओ मां ओ मां ---
पूरा कर दें तेरा हर सपना
माना है तुमको भगवान अपना
ओ मां ओ मां---
खुशियों की सोगात तुमको देदे
तेरे सारे गम खुद पे लेले
तूने हमसे कुछ मांगा भी कब
ओ मां ओ मां ---
अब ना कभी सतायेंगे तुमको
राह में ना कभी छोड़ना हमको
सीने से लगाकर आया चैन है
तेरे लिए तरसे ये नैन हैं।
ओ मां ओ मां---

23. काश इतना न सताती ज़िन्दगी
शराफत का ना  मज़ाक उड़ाती ज़िन्दगी
जब भी मैं मोहब्बत करने लगा
इस चाहत से मैं डरने लगा
क्या क्या गुल खिलाती है ज़िन्दगी
मंज़िल पे आके लड़खड़ाती है ज़िन्दगी
काश इतना ---
प्यार वफ़ा सचाई के रास्ते ये सब तो किताबो के वास्ते
कहने को तो सब साथ है अपने चहरो पे पर नकाब है कितने
दिल से किसी के कैसे खलते है लोग
काश पहले ही बताती ज़िन्दगी
काश इतना---
वक़्त बदलता है हर रिश्ते यहां
कभी दोस्त दुश्मन कभी दुश्मन दोस्त यहां
दो पल की मुस्कान के बदले लाखो गम दे जाती है ज़िन्दगी
काश इतना---

24. हम भी जीने आये थे संसार मे न जी पाए न मर पाए
रह गए बस इंतज़ार में
पल पल घटती ज़िन्दगी की सांसें कल नही होँगी यहां अपनी बातें
सोच सोचकर हमने वक्त खो दिया बेकार में।
हम भी जीने---
जीना इतना भी आसान नही है लोट के वक्त फिर आता नही है
गर इस पल को नही तुमने रोका मिलता नही है फ़िर कोई मौका
समझा नही था मैं ये सचाई सारि दुनिया है हरजाई
मिलता है धोखा यहां ऐतबार में।
हम भी जीने---

25. पहला सबक प्यार का लम्हा वो इंतज़ार का
यादों में रहता है चहरा उस पहली तकरार का।
एक हसीन एहसास है वो दूर होके भी पास है वो
शबनमी सा एहसास उसका जैसे हर घड़ी साथ है वो।
कितना प्यारा है रुख ये बहार का
पहला सबक--
जैसे ही उसका नाम होंठो पे आये सिने में एक लहर दौड़ जाए
हर चेहरे में उसका चेहरा नज़र आये 
प्यार गहना है संसार का
पहला सबक प्यार का--

26. ये बेवफाई भी तो एक वफ़ा ही तो है
बेहयाओं की एक अदा ही तो है।
ये गलतियां नही उनकी जो करते है बेहयाई
ये गलतिया तो है उनकी जो बदले नही कुछ भी।
किसी से बाते किसी से मुलाकाते वक्त देकर ये वक्त पे नही आते
मासूम चेहरा है मासूम बातें मासूमियत से ये जाल में फँसाते
ये प्यार भी तो एक नशा ही तो है।
ये बेवफाई---
ना जाने इनके यार है कितने बाहों में किसी के हैं 
और किसी के आंखों में सपने।
सब छीन लेते हैं बन कर अपने
जीना भी यहां एक सजा ही तो है।
ये बेवफाई---

27. आज तो खा रहे हो कसम कल याद भी न रहेंगे हम।
हम खाते नही झूठी कसम याद तो आएगी जन्म जन्म।
जब मिलोगे कहीं किसी मोड़ पर
फेर कर  नज़र निकल जाओगे तुम 
हकीकत है ये ये नही मेरा भर्म।
आज तो--
तेरे लिए अब तक जिये है तेरे बिना कुछ सोचे नही है
याद न आये तेरी ऐसे पल तो होते नही है।
चाहत ये तेरी भला कैसे भुलायेंगे हम।
आज तो--

28. ना वो दोस्त अब ना वो दोस्ती रही
ना जिंदगी अब वो जिंदगी रही
एक वो वक्त था जब देते थे जान
एक ये वक्त है जब लेते है जान
तारों भरी रात भी अब सुहानी नही
ये जीवन है कोई कहानी नही
ना वो दोस्त---
जी रहे सब अपने लिए क्या करता है कोई किसी के लिए
इन फिजाओ में अब वो रवानी नही 
एक जुबान पर छोड़ देते थे सब अब वो सहर फिर आनी नही।
ना वो दोस्त---
कसमे वादे है सब छलावा प्यार वफ़ा है सब दिखावा
इन्शानियत की ना कोई निशानी रही
जख्म देते है सब ना वो कुर्बानी रही
ना वो दोस्त--

29. प्यार से ना देख ये प्यार बड़ा बेदर्दी है
मुश्किल किया इसने जीना हालत पतली करदी है।
प्यार के दुश्मन प्यार को क्या जाने
प्यार में क्या ऐसे ही मरते है परवाने।
प्यार के सपने कभी होते नही पूरे प्यार के किस्से रहते है अधूरे।
प्यार की खुशबू से जीवन मे जन्नत प्यार से बढ़कर दुनिया मे ना कोई मन्नत
प्यार ने तुमको पागल किया दीवाने।
प्यार के दुश्मन---
प्यार के लिए कितनो ने दी कुर्बानियां
प्यार की मिटती नही निशानियां
प्यार के बदले यहां प्यार नही मिलता
प्यार का फूल हर बार नही खिलता
प्यार में उझड़ते आदमी के ठिकाने।
प्यार के दुश्मन---
प्यार से ना देख---

30. आज खुश तो बहुत हो मेरे आँशुओ पर
धोखा करके भी ऊंचा है तेरा सर।
दो पल के सपने होते है जैसे प्यार को भी तूने सोचा वैसे
तेरी तमन्ना है ये तेरी बाहों में हो हर दिन एक नया हमसफर।
आज खुश---
समझा है तूने दिल को खिलौना
तुम क्या समझोगे होता है क्या चाहतो को खोना
पहचानती भी नही कितनी काफिर है तुम्हारी नज़र।
आज खुश तो--
तुम्हारे लिए ये एक पल की कहानी
माना मिलती है एक बार जवानी
इससे आगे भी होती है ज़िन्दगानी समझाने से ना होगा तुमपे असर।
आज खुश तो--

31. चहरो में मुझे एक चेहरे की खबर है
मेरी सांसो में खुशी की जो लहर है
तेरी चाहतो का ही तो असर है।
नाजुक नाजुक सी है कली देखकर उसको दिल मे तरंग सी है चली।
सामने आते ही उसके होंसला बी साथ देता नही
दो कदम का फांसला भी जैसे उम्र भर का सफर है।
चेहरों में मुझे---
यूँ भर के आई उसमे जवानी बादल में भरा हो जैसे पानी।
वो परी है या कोई मोतियों की निशानी
हर कोई मांगे जिसे ऐसी वो सहर है।
चेहरों में मुझे---
होठो पे उसके हवाओ सी नरमी
तपती लू सी नज़रो की गर्मी
एक जंजीर सी है मुस्कान उसकी
जुल्फों में उसकी लताओं सी जकड़ है।
चेहरों में मुझे---

32. जी सकें हम यहां वो दुआ करना पा सकें हम तुम्हे वो वफ़ा करना।
जान मेरी तू मेरी जिंदगी संवार दे
जितना है प्यार फिजाओ में उतना तू प्यार दे।
एक प्यारा सा हो अपना घर यूँ ही चलता रहे ज़िन्दगी का सफर
सुन सकूँ मैं जिसे वो सदा करना।
जी सके हम---
जी भर के आज जी लो कल की किसे खबर
हम तकदीर बदल देते हाथ मे अपने होता अगर
मांग भरके मेरी सपना मेरा पूरा करना
जी सकें हम यहां---

33. चाँद को गुमान अपनी चांदनी पर
सागर को गुमान लहर तूफानी पर
किसी को गुमान अपनी कातिल जवानी पर
हमे गुमान है देश पर दी अपनी कुर्बानी पर।
किया जब जब दुश्मन ने वॉर हमने सीने पर रोकी गोलियों की बौछार।
हम जीतें या हारे पर डर के कभी भागे नही
मोके ये कुर्बानी के रोज आते नही।
जब जब पुकारा धरती माँ ने हमे हमने छोड़ा अपना संसार है।
किसको खबर हमारा भी अपना घर बार है।
मां को नाज अपने लाल पर योद्धा को नाज बाजुओ के कमाल पर
सीप को नाज मोतियों के जाल पर हमको नाज़ धरती माँ की ढाल पर।
हम जीते जंग मैदान पर, पर हार गए इन सियासत के अंगारो में
जख्म अपनो ने ही दिए कहाँ दम था इतना गैरों में।
क्यूं विजेता को ये हरा देते है क्यूं हमारे जख्मो पर नमक बिखरा देते है।
हम तो छोड़ जाते है दुनिया कोन देखता है हमारे घर की मज़बूरियां
दुल्हन को नाज़ सोलह सिंगार पर आसमां को नाज़ बूंदों की फुहार पर
सूरज को नाज किरणों की बौछार पर हमको नाज़ तिरंगों के हार पर।

34. ऐसा लगे जैसे सदियों से अपनी पहचान है
मैं आशिक़ तेरा तू मेरी जान है
प्यार की ताकत से दुनिया अभी अनजान है
तेरे दम से ही होठो पे मेरे मुस्कान है।
जब तक ना देखु तेरा चेहरा हसीन मैं
दिल को मेरे चैन आता नही है
तू चंदा जैसे मैं चकोर हुं तेरा तू झरना जैसे मैं शोर हूं तेरा
मेरा दिल सूंदर सा घर है जैसे तू उसमे जीवन भर का मेहमान है।
ऐसा लगे जैसे---
तुमसे मिलने से पहले जीवन कितना सूनसान था
मैं खंडहर सा खड़ा एक मकान था
अंधेरो में रहते थे तुमने उजाला दिया
पानी की थी तलाश तुमने मधुशाला दिया
साथ रहें सदा बस इतना अरमान है।
ऐसा लगे जैसे---

35. चांदनी रात में चांद बदल जाता है वक्त के साथ इंसान बदल जाता है
पड़े जब जरूरत अपनो की तो अपनो का ईमान बदल जाता है।
क्या कीमत है ईमान की यहां ताकत के आगे तो भगवान बदल जाता है
रहते है जो दिल में मेहमान बनकर कुछ ही दिन में उनका मेहमान बदल जाता है
जब तक है गम आपसे तब तक है मेहरबानियां
देखते ही देखते वो मेहरबान बदल जाता है।
चांदनी रात में चांद बदल जाता है---
अच्छा हुआ जो शायर ना हुए हम ढलते सूरज के साथ कद्रदान बदल जाता है
ये दौलत ये ताकत ये शोहरत ये मोहब्बत
भागते भागते इस दौड़ में वक्त निकल जाता है
जख्मो पर मरहम जितने भी लगाओ
दुनियादारी में वो ऐहसान बदल जाता है
चांदनी रात में चाँद बदल जाता है वक्त के साथ इंसान बदल जाता है।
 

36. एक उम्र कट जाती है प्यार की तलाश में
जाम खाली रह जाते है समंदर की आस में।
एक उम्र कट जाती है सपनो की तलाश में
हाथ खाली रह जाते है चाँद की आस में।
एक पल में छूट जाते है साथ यहां 
हाथो में आके छूट जाते है हाथ यहां।
प्यार की उम्र होती है छोटी सी
जिंदगी भर कौन देता है साथ यहां।
प्यार के उजाले थोड़े से फिर है अंधेरी रात यहां।
एक उम्र कट---
याद आते है अपने छूट जाने के बाद
दिल रोता है उनके जाने के बाद
खिलते नही गुल यहां मुरझाने के बाद।
जब तक साथ है वो कद्र करते नही
याद आती है फिर उनके जाने के बाद।
एक उम्र कट---

37. ओ सनम ओ सनम ओ सनम --
ये बिंदिया ये झुमके ये कंगन
कुछ भी न मैं तुमको दे पाऊंगा।
ना बिंदिया ना झुमके ना कंगन
मुझे श्रृंगार की जरूरत नही
तुम जो ले लो आगोस में मुझे हार की जरूरत नही।
तुम्हारे आने से आ जाती है चमक आंखों में
मुझे कजरे की धार की जरूरत नही।
ओ सनम ओ सनम ---
ये बंगला ये गाड़ी ये पायल की छन छन
कुछ भी ना मैं तुमको दे पाऊंगा।
पैरो में बांधे है मैंने प्रीत के घुंघरू
मुझे पायल की झंकार की जरूरत नही।
तुम्हारे प्यार की बूंदो से भीग गया है तनमन
मुझे सावन की फुहार की जरूरत नही।
ओ सनम ओ सनम ओ सनम
इस दिल मे तुम्हारे शिवा और कोई मूरत नही।

38. हमने सुना है प्यार तुमने किया है दिल अपना बेकरार तुमने किया है
झूठी है तेरी सारी इनफार्मेशन प्यार की कौन लेगा टेंशन।
प्यार का नही कोई मोल है 
आज़ादी पर ये अनमोल है
तेरी आंखे कह रही सारी कहानी
कैद में खो दु क्यों अपनी जवानी
इस रोग का कोई नही सोलुशन
प्यार की कौन लेगा टेंशन
कटता नही ये सफर तो अकेले अकेले
सोचेंगे थोड़ी मस्ती तो लेले
तब तक तो ढल जाएगी जवानी
जीने की उम्र में क्यों दे हम कुर्बानी
खाओ पीओ वाली है अब जनरेशन
प्यार की कौन लेगा टेंशन
एक नज़र तू देख तो इधर
ऐसा साथी फिर ना मिलेगा जाने जिगर
बहुत है तेरे जैसे दीवाने
हम न मानेंगे कुछ भी तू आजमाले
रोज़ जुड़ते नही है दिलो के कनेक्शन
प्यार की कौन लेगा टेंशन।

39. क्यूँ इतनी मज़बूर है तू क्यूँ मुझसे दूर है तू
क्या मेरी है खता क्यूँ मुझको दे रही सजा
माना जान दे नही सकते पर क्या खाब ले नही सकते।
तेरे सपनो में रंग भर के मैं कर दु उनको पूरा
तेरी राहों में तो होंगी लाखो कली
मेरा पीछा छोड़ के तू कर दे मुझको फ्री
मेरी चाहत तो है बस तुझसे जुड़ी
क्यूं इतनी मगरूर है तू क्यूं मुझसे दूर है तू।
आ सीखा दु तुझे जिंदगी जीना
सामने है तेरे खूबसूरत नगीना
मैं नही तेरी जिंदगी का सितारा क्यों पीछा कर रहा दोबारा।
खुद को भुला दु अगर तू करे इशारा
क्यूं नशे में इतनी चूर है तू
क्यूं मुझसे दूर है तू---

40. आंखों से छलकते सागर से दिल मे गरजते बादल से
पूछो तो ये क्यूं होता है प्यार में हां
प्यार में दिल क्यूं इतना रोता है।
अब वीरान सा है ये जहां कल तक तो थी बहारे यहां
इतना तो बता अब जिये किसके सहारे 
गम की ऐसी रातो में साया भी तो साथ नही हमारे
कांपते हाथो से लरजते होठो से
पूछो तो ये--
प्यार के वो दो चार पल तडफाते है पल पल
वफ़ा जा जहां तो है बिता हुआ कल
सांसो में उमड़ते तूफान से चेहरे पे झलकते अरमान से
पूछो तो--
प्यार खुदा है तो क्यों रोते है दिल इतने बेदर्द भी क्यूँ होते है दिल
छोड़ा जिसके लिए हमने दुनिया का मेला
छोड़ गए वो हमको अकेला
टूटकर बिखरते धागों से सफर में छूटते हाथो से
पूछो तो ये---

41. अभी मेरे दिल मे तुम हो समाए अभी मेरे खाबो ने पंख लगाए
अभी दिल मेरा संभल भी न पाए अभी संग है मोहब्बतों के साये
हम रहे ना रहे वादियां महकती रहे हम मिले ना मिले चाहते बरसती रहे
अभी मैंने जाना है मोहब्बत के सितारों को 
अभी रोक लो इन बहकती बहारो को।
अभी मुझे तुम याद आये अभी चल रहे है बनके हम साये
मेरी धड़कने थी खाली खाली तुमने इनमे लय है डाली
दिल कह रहा है जो सुन लो तुम अपने दिल से
दिल की हसरत है तो छू लो तुम अपने लब से
अभी नज़रो से नज़र हम चुराए अभी है महकती फिजाओ के साये।
खामोशिया भी गाने लगी है पल पल में चाहत समाने लगी है
तेरी आहट पे दिल की है हसरते मचलती
तेरे लबों से है प्यार की बूंदे है बरसती
अभी लब ज़रा लबो से टकराये अभी चेहरे पे तेरी जुल्फों के साये।
अभी मेरे दिल मे---

42. मैंने मौसम से कहा जिंदगी भी है तेरी ही तरहा
इतने रंगों में भी हो जाती है तन्हा
पल में सपने सजते है पल में बिखर के होते है
मौसम ने कहा जिंदगी नही मेरी तरहा
ये तूफान ये पतझड़ ये सावन ये धूप
तेरे जीवन मे ये सब कहाँ
तूने जन्मा तुफानो को जीवन ने कुचला अरमानो को
तूने मारा परवानो को कंगाली खा जाती है इंसानो को।
तूने दिखाया रंग बदलते आसमानों को
इसने दिखाया अपनो के रंग बदलते अफसानों को
टूटते अरमानो को तूने देखा कहाँ
मैंने मौसम---
उल्फत के बादल है आँचल में तेरे तो बारिश के मोती भी है
अपनो की जफ़ा है जीवन मे तो प्यार की ज्योति भी है
कभी बवंडर है आँचल में तेरे तो जीवन की धारा भी है।
जीवन मिला है हमे तो कुछ फ़र्ज़ हमारा भी है
मरने की चाहत है तो जीने की हसरत भी है यहां
मैंने मौसम---

43. बेवफाई करके वो चेहरे बदलते रहे प्यार को कोई समझता नही
चाहे जितनी वफ़ा करते रहें
चाहत उनकी फितरत ही नही चाहत जिनसे करते रहे
होठों पे हंसी दिल मे मैल रिस्तो के बंधन भी हो जाये फैल
प्यार के नाम पर हो रहा जिस्मो का खेल
कल तक थी जो बदनामी की बातें आज इज़्ज़त के पैमाने वही है।
दो पल का अहसास है ये और कुछ भी नही है
राम और सीता कल की बातें आज वो जमाने नही है।
रोज़ बाहों के सहारे वो बदलते रहे  कुछ लोग यहां चाहत को तरसते रहे
बेवफाई करके---
मासूम चेहरे कातिल अरमान शर्मो हया ना डर किसी का
गिरते है लोग कितने इस गुरुर में औलाद को भी छोड़ दे बीच सफर में
चाहतो का ये कैसा तमाशा इस युग मे बस जिस्म पिपासा
प्यार के मंदिर वो बदलते रहे
बेवफाई करके---

44. जान देते है तो देदे सभी हम न प्यार में जान देंगे कभी
प्यार के मौसम तो आते जाते रहे आज तुम हो यहां कल तुम नही।
लाखो में तुम हो और लाखों में तुम सनम
तेरे लिए हम आते रहे है और तेरे लिए लेंगे हज़ारो जन्म
चाहत की डोर है हाथो में उसके वही करता रहेगा हमपे कर्म
अपना जो फंडा है फंडा है सबका वही
आज तुम हो यहां---
खूबसूरत है सनम तो खूबसूरत है रंग सारे
बदलती है दुनिया बदलते है जब ये नज़ारे
हमको भी तो हक़ है क्यूँ ना बदले हम सहारे
प्यासा है गर यौवन तो दिल भी बस में नही हमारे
दिल धक धक करता है मुस्कुराये जब भी कोई हसीन
आज तुम हो यहां कल तुम नही---

45. तू ही मेरी चाहत तू ही मेरी सांस है तू ही मेरा दिल तू ही मेरे पास है
तेरे बिन मैं क्या हूं मेरे बिन तू क्या है तू ही मेरी धड़कन तू ही मेरे पास है
तुझे चाँद मैं नही कहता तुझे गुलाब मैं नही कहता
पर सोख हसीना हो यौवन का नगीना हो
तुझे बर्छिला मैं नही कहती नशीला मैं नही कहती
पर तु छैल छबीला है काया गठीला है
तू ही मंज़िल तू ही मेरा विश्वास है।
तू ही मेरी चाहत---
तुझे हंसिनी मैं नही कहता कातिल-       मैं नही कहता
पर रंग रूप रुबीना हो सावन का महीना हो
तुझे गर्वीला मैं नही कहती शेर सरीखा मैं नही कहती
पर तु छोरा सजीला है लगता फुर्तीला है
तू ही मेरा जीवन तू ही मेरी आस है
तू ही मेरी चाहत---


46. जब आवगी याद मेरी तू कोना पकड़ के रोवगा।
नींद तो उड़ ज्या गी तेरी कुकर बला तू सोवगा।
दरक उठेंगी दिल म अरमान मचल ज्यांगे।
एक बख्त वो भी आवगा दिल के मेहमान बदल ज्यांगे।
 
तू याद जब आवगा जी भर  आवगा।
कदे नेड़े कदे दूर पावगा।
कोए घड़ी ना सांस आवगी।
हर घड़ी बस जान जावगी।
होवगा जब सामना कदे नजर बचाओगे।
 मिलनअ के अंदाज बदल ज्यांगे।
एक बख्त वो भी आवगा दिल के मेहमान बदल ज्यांगे।
 
दिन ढल जाता था कदे बस एक झलक खातर 
सिहर उठअ था बदन तेरे पैरा की आहट पर।
कदे तेरे दिल प चौधर मेरी,कदे मेरअ हर बिचार म जिक्र तेरा।
बख्त जालम होसअ कदे बात करण त भी तरस ज्यांगे।
एक बख्त वो भी आवगा दिल के मेहमान बदल ज्यांगे।
 
जीवन का वो छोर भी आवगा।
पोते पोती , बुढ़ापे का दौर भी आवगा।
के तब भी याद रहवगा प्यार के भूल जावगा।
जब टकराँव किसे मोड़ पे कुकर सामनअ आवगा।
मिल ज्यांगे दिल के राह बदल ज्यांगे।
एक बख्त वो भी आवगा दिल के मेहमान बदल ज्यांगे।



47. रूह में जो बस गई है वो खुशबू तुम बन गए हो।
भगवान ने जो लिख दी है वो जुस्तजू तुम बन गए हो.
 
धड़कनों के आसरे जी रहे थे , अब  हर सांस तुम बन गए हो।
अधूरी थी मन की चाहें, अब हर आस तुम बन गए हो।
 
रग रग में बह रहा था लहू, अब जिंदगी की जरूरत तुम बन गए हो।
सुना सुना था हर मंजर, अब दिल की हुकूमत तुम बन गए हो।
 
हर राज खुल गया है , दिल के राजदार  तुम बन गए हो।
टूटती हुई मेरी सांसो के, जानदार तुम बन गए हो।
हमको हमीं से जुदा कर गए  , दिल के गुनेहगार तुम बन गए हो।
इंतज़ार करते रहते हैं, दिल के तलबगार तुम बन गए हो।
महक जिंदगी में भर दी है , मेरे बागबान  तुम बन गए हो।
चमक जिंदगी में कर दी है, मेरे आसमान तुम बन गए हो।
ठहर जाओ ना धड़कने बढ़ाओ,  इन लहरों के साहिल तुम बन गए हो।
लाखों में एक तुम पसंद आये,  मेरी जिंदगी के साहिर  तुम बन गए हो।
 
रूह में जो बस गई है वो खुशबू तुम बन  गए हो।
भगवान ने जो लिख दी है वो जुस्तजू तुम बन गए हो.



48. नज़रे तरस गई इंतज़ार करते करते
ना तू आया ना तेरा पैगाम ए फिक्र आया।
तोड़ के रख दिया है तूने मेरे ऐतबार को।
क्या नाम दूं मैं तेरे इस प्यार को। 
 
जाने क्या मजबूरियां थी तेरी , जो तू आ नहीं पाया।
वक्त फिसल गया मेरे हाथों से , मैं रोक नहीं पाया।
आते आते आते तूने देर कर दी।
हम तो चले ये आसरे छोड़कर,
मिलेंगे कभी किसी और जन्म, रब ने अगर मेहर कर दी।
 
लड़ते थे , झगड़ते थे , खलिहानों में मचलते थे।
पर कभी ऐसे भूले नहीं थे।
जाते जाते जाते तू मिल नहीं पाया।
क्या इतना बुरा था मैं जो याद नहीं आया।
 
काश ये होता कि उम्र बढ़ जाती जिंदगी की,
देखते ही देखते हवा बदल गई।
जिंदगी भी ये कैसे रंग बदल गई।
जीने की थी तमन्ना और जान निकल गई।


49. थोड़ा सा तो जिंदगी रुलायेगी।
थोड़ा सा तो जिंदगी हंसाएगी।
यात्रा है ये, एक यात्रा है ये।
यूं ही जिंदगी कट जाएगी।
 
क्या हुआ जो आज अंधेरी रात है।
मुश्किल में जो ध्यान धरे वक्त उसी के साथ है।
नेक राह जज्बात की जीत एक दिन दिलाएगी।
थोड़ा सा तो जिंदगी रुलायेगी।
थोड़ा सा तो जिंदगी हंसाएगी।
 
क्या हुआ जो आज बुरे हालात हैं।
क्या कोई बिगाड़ेगा जब ऊपर वाला साथ है।
बुरा किसी का मत करना भलाई खुद मिल जाएगी।
थोड़ा सा तो जिंदगी रुलायेगी।
थोड़ा सा तो जिंदगी हंसाएगी।
 
क्या हुआ जो आज  बदल गई दुनिया की जात है।
गिरके वही सम्भलता है अपने जिसके साथ हैं।
राह हो सच्ची तो मंजिल एक दिन मिल ही जाएगी।
थोड़ा सा तो जिंदगी रुलायेगी।
थोड़ा सा तो जिंदगी हंसाएगी।
यात्रा है ये , एक यात्रा है ये।
यूं ही जिंदगी कट जाएगी।
 

50. हम ही पीड़ित हैं और हम पर ही इल्जाम है
कल शमशीरों से आज लकीरों से घायल हिंदुस्तान है।
भगवा आतंक कंभी हिन्दू आतंक नाम हैं देते
और आतंक यहां बेनाम है।
हम टिप्पणी भी कर दें तो जेल ।
वो पत्थर फेंके, थूक फैंके, गाली दें
देशद्रोह के नारे लगते खुलेआम हैं।
हम ही पीड़ित और हम पर ही इल्जाम है।
मरता एक गाय काटने वाला तो होती देश
की छवि धूमिल खतरे में सविधान है।
साधुओं पर गोली बरसती और सिखों का कत्ले आम है।
मौन व्रत है विश्व का इनका खून तो हराम है।
हम ही पीड़ित और हम पर ही इल्जाम है।
शरीयत,फतवे ,हलाला जलाला
और मंदिरों में अज़ान है।
कभी कैराना कंभी शाहीन और कभी
कश्मीर का नरसंहार है।
अफगान,बांग्ला, पाक गया हाथ से
निशाने पर अब हिंदुस्तान है।
हम ही पीड़ित और हम पर ही इल्जाम है।
कैसे हमने जमीन बांट दी इज्जत के हत्यारों को
अंग्रेज़ो से आज़ादी तो मुग़लो पे क्यों एहसान है।
हम ही पीड़ित और हम पर ही इल्जाम है।


51. गाम का रहना आर राम राम कहना
साफ हवा आर मेहनत का खाना
छांत का सोना आर  घर आंगन का होना
देशी बाना आर गाल म बैठ के नहाना।
भागा आले हों स वो जिसनअ मिलअ ईसा वाना।
 
माखन दूध दही का खाना
खोवा गूंद चूरमा घलवाना
दलिया नाज़ खिचड़ी का रंग जमाना।
लासी चटनी आर खेत म कमाना।
बेर जामुन गण्डा तोड़ के खाना
ठंडी ठंडी हवा आर पीपल का नहाना
भागा आले हों स वो जिसने मिलअ ईसा वाना।
 
बीरा का कठि होके कुएं प जाना
बैठ मंडली साथ म हंस बतलाना
फागण कदे ब्याह के गीत गाना
तीजा की पिंग आर हलवा पूड़े खाना।
डांगरा की सेवा आर जोहड़ का नहाना
भागा आले हों स वो जिसनअ मिलअ ईसा वाना. 
 
बड़ पीपल की छाया आर पेढा नीचअ सोना
चौपाला की चौधर आर पंचायता म जाना
बैठ चुगरदअ हौक्या क बतलाना
माटी के खेल आर ताशा का रंग ज़माना
हांसी ठट्ठे आर नहर का नहाना।
भागा आले हों स वो जिसनअ मिलअ ईसा वाना।
छोड़ के ये ठाट क्यों शहर जाना।


52. ना मेकअप करअ ना इंग्लिश करअ स्टाइल।
हर महफ़िल म रंग भर दे वो इसी करअ स्माइल।
कर दे है तोड़ , काड दे मरोड़ 
ठंडा सभाव कदे ठा लें लठेरे
जाट के बछेरे ये जाट के बछेरे।
घात त  गठीले   आर चाल त मौजिले
बात त रौबीले, आर काम त जोशीले
छैला म छैल छबीले, मखोला म मंखोले।
 सौआ की जरूरत कोन्या  4 ए भतेरे
 जाट के बछेरे ये जाट के बछेरे।
देशी खाना देशी बाना।
देशा म देश हरियाणा
सीमा प जवान खेतां म किसान।
आर खेलां म तो पाड़ दे स चाला।
ठाडा है दिल आर ठाट के बसेरे
जाट के बछेरे ये जाट के बछेरे।
 

53. कीमे तो जिंदगी रुलावगी
कीमे तो जिंदगी हंसावगी।
यात्रा है या, एक यात्रा है या।
न्यूए जिंदगी कट जावगी।
 
राज छोड़ हरिश्चन्द्र ने पड़ा बन म भटकना
धणी बीर दुश्मन बने ,औलाद का दुख पड़ा भुगतना।
बख्त की मार नीचता दिखा दे
सच की धार प्रतिष्ठा दिला दे।
धीर धरे त हर यातना कट जावगी।
कीमे तो जिंदगी रुलावगी
कीमे तो जिंदगी हंसावगी।
यात्रा है , एक यात्रा है या।
न्यूए जिंदगी कट जावगी।
 
राम जी न मिला बनवास दर दर की ठोकर खाई
पड़ा बिछुड़ना सीता माँ त होई पति धर्म की रुसवाई।
धीरज धरा आर कौशल त नीति बनाई।
भेद करा ना छोटअ बढ़अ का , मर्यादा खूब निभाई।
धीर धरे त हर यातना कट जावगी।
कीमे तो जिंदगी रुलावगी
कीमे तो जिंदगी हंसावगी।
यात्रा है , एक यात्रा है या।
न्यूए जिंदगी कट जावगी।

चक्कर प चक्कर पड़े थे
हर दर प दुश्मन खड़े थे
बिपदा थी भारी पड़ी आर होया वो जन्म जेल म 
जीवन पर भी लगा पहरा आर बालकपन बिता मौत के खेल म
कृष्णनीति त या कुनीति कटअ जीत धर्म की आवगी
कीमे तो जिंदगी रुलावगी
कीमे तो जिंदगी हंसावगी।
यात्रा है , एक यात्रा है या।
न्यूए जिंदगी कट जावगी।

 


54. मायूसी की छाया, खा जाती है काया।
कंगाली की माया, बदहाली का साया।
ना खाने को कुछ है ना पीने को पानी।
नशे में खेल रहा बचपन, खोखली जवानी।
गंदगी में रहना ,नालों में बहना।
झोपड़ों से टपके बारिश का पानी।
 
कुपोषण और शोषण में पिसती है जिंदगानी,
कचरे में बचपन, आंखों में पानी।
नंगे नंगे पांव, बदन पर चीर की निशानी,
कुविध्या अविध्या से होती जंग पुरानी।
 कांपते तन मन,  झूठी झूठी सी मुस्कान।
टूटे आशियानों में, पड़े दुनिया की ठोकर खानी।
 
खेलते बच्चे, वो देखते रहते,
त्योहारों की खुशियां, वो लेलते रहते।
रोज़ के झगड़े, वो झेलते रहते,
कचौटती नजरें, करती मान को छलनी।
अंधेरों से खेले झोपड़ों की रानी।
दिन ईमान भी भूख ने खाया।
चोरी चकारी में जीवन है फंसाया।

55. छंटमां है रुआब, चौधर म है सबका बाप,
रौनक सौनक लाव मंत्रियां आली।
आव स, होक्कअ के गरड़ाटे ठाव स,
जाई रोई का,वो जाई रोई का।
 
खाव तरी आला साग, काम क लाव नहीं हाथ,
लंगारा चालअ गैली गैली।
आव स, चा के सरड़ाटे ठाव स,
जाई रोई का , वो जाई रोई का।
 
मारअ मखोला आली बात, कर दें सारे खड़े हाथ।
रौनक लाव है चौपाली, 
जाव स, तांशा के धरड़ाटे ठाव स।
जाई रोई का, वो जाई रोई का।
 
राखअ सारयां की यो काट, भाटल आला छोरा जाट।
तारअ  बातां  की सुवाली, राखअ गाम की रुखाली।
आव स , बातां के झरड़ाते ठाव स।
जाई रोई का, वो जाई रोई का।
 
करदा हांडअ गणे ठाठ, घर के देखें जाव बाट।
बखोरा देव ना यो पाणी, हीरो बना हांडअ ठाली।
आव स, खाट के चरडाटे ठाव स।
जाई रोई का, वो जाई रोई का।

56. भाजपा की सरकार है, मोदी चौकीदार है।
56 इंच की छाती , डंका सात समुद्र पार है।
शाह अचूक हथियार है, राजनाथ सा यार है।
भाजपा की सरकार है,मोदी चौकीदार है।
 
रोज धमाके होते थे, अब ना कोई  बमबार है।
गद्दारों पे कसा शिकंजा,कांप रहे मददगार है।
बदली बदली नीति, नतमस्तक संसार है।
भाजपा की सरकार है,मोदी चौकीदार है।
 
 
नोट बंदी, जीएसटी,सी ए ए , किसान बिल पे तकरार है।
कभी korona कभी तूफान, प्रकृति की मार है।
भष्टाचारी बिचौलियों पे डिजिटल प्रहार है।
साफ सफाई मिशन बना,शोच्यालयों की कतार है।
गैर जरूरी कानूनों पे चल रही तलवार है।
भाजपा की सरकार है, मोदी चौकीदार है।
 
मन की बात, मन के विचार हर रंग के जानकार हैं।
माई जिओ वी पे लगते आम जन दरबार हैं।
हर वर्ग,हर ढंग की बातें,  हर फन का ये फनकार है।
जोड़ तोड़ थे राष्ट्र सम्मानों में,अब गुमनाम वीर हकदार हैं।
भाजपा की सरकार है, मोदी चौकीदार है।
 
हिंदू हिंदू करते थे अब हिंदू दरकिनार है।
मरते हिंदू कटते हिंदू, कानूनों में पिसते हिंदू।
देश अपना,धरती अपनी,फिर क्यों मुजरिमों सा व्यवहार है।
वक्त निकलता हाथ से , मौका नहीं मिलता बार बार है।
भाजपा की सरकार है, मोदी चौकीदार है।

57. अब कैसे करे हम गुणगान टाटा का।
हर घर में हो खुशहाली ये अरमान टाटा का।
कैसे गिनाए क्या क्या अहसान टाटा का।
विनती है ये गीत बने पहचान टाटा का।
 
सुरक्षा नियमों का पालन है पहचान टाटा का।
लेबर एक्ट के फायदे मिलें सबको ये ध्यान टाटा का।
5S गुड गवर्नेंस से होता है हर काम टाटा का।
जीरो फैटालिटी पूरा हो वरदान टाटा का।
 
 
बनते है निर्माण जिनसे वो सरिया टाटा का।
बनते हैं वाहन जिनसे वो स्टील टाटा का।
डुलते हैं सामान जिसमे वो ट्रक टाटा का।
हो सफर आसान जिससे वो बस कार टाटा का।
अंधेरों में रोशनी भर दे वो करंट है टाटा का।
ऑटोमोटिव में ऊर्जा भर दे नाम टाटा का।
देश विदेश में घूमना हो तो जहाज टाटा का।
दुनिया भर में होता सम्मान टाटा का।
 
भोजन में स्वाद भर दे वो तेल मसाला टाटा का।
आयोडीन की पूर्ति कर दे वो नमक टाटा का।
एनर्जी से भर दे जो वो ग्लूको पानी टाटा का।
तरोताजा कर दे जो वो चाय कॉफी टाटा का।
पौष्टिकता से भर दे जो वो दाल टाटा का।
कपड़ो को चमका दे जो वो साबुन सर्फ टाटा का।
रोज आता है हर जुबां पे नाम टाटा का।
मनोरंजन समाचार का साधन सैट बॉक्स है टाटा का।
सूचना संचार का माध्यम टेलीफोन है टाटा का।
इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी और डिजाइन काम है टाटा का।
दुनिया भर में होटल सत्कार में नाम है टाटा का।
माटी को जो पोषण दे वो उत्पाद टाटा का।
स्वास्थ्य बीमा शिक्षा में है नाम टाटा का।
अनुसंधान संस्कृति की शिक्षा देता संस्थान टाटा का।
तन में हो तकलीफ तो दवा बाजार टाटा का।
घर बैठे सामान खरीद लो वो शॉपिंग जाल टाटा का।
आई टी सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन में धमाल टाटा का।
घड़ी से लेकर आभूषण तक खुदरा दुकान टाटा का।
सैटेलाइट टेक्नोलॉजी में मुकाम टाटा का।

58. तहे दिल त नमन इन सांगियां न या परंपरा खास चलाई थी।
इतिहास गा दिया रागनिया म जन जन लहर चलाई थी।
 सांगरस लिखण न कागज कलम दवात उठाई थी।
गावणीयां न कमाल करा या दर दर ठोकर खाई थी।
 
 
दौर गुलामी का था जब आजादी की अलख जगाई थी।
औजस्वी बाणी त लड़ण की इच्छा जगाई थी।
बिना चिट्ठी पत्री घर घर बात पहुंचाई थी।
प्यार प्रेम की बात सिखाई आपस म लड़ाई थी।
तहे दिल त नमन इन सांगिया न या परंपरा खास चलाई थी।
 
हांसी ठठ्ठे कर करके जनता पल पल हंसाई थी।
मनोरंजन के साधन ना थे जी म जान जगाई थी।
जज्म्माना के गुणगान गा के आग पेट की बुझाई थी।
मोह माया त दूर रहे या गात म समाई थी।
तहे दिल त नमन इन सांगिया न या परंपरा खास चलाई थी।
 
टीवी आए रेडियो आए  दिल में पैठ बनाई थी।
वीडियो छाए विसिआर छाए  टेक सांग की लाई थी।
कंप्यूटर मोबाइल क युग म भी भीड़ गाम की जुटाई थी।
भोगी विलासी होगे लोग रीत फेर भी बचाई थी।
तहे दिल त नमन इन सांगिया न या परंपरा खास चलाई थी।
 
गऊ माता की सेवा खातर खड़ताल ढोलकी ठाई थी।
गऊशाला के बेड़े हांके या हंगा मार खिंचाई थी।
दान ज्ञान के प्रचार करे या नरेंद्र की लिखाई थी।
दान करे त धन नहीं घटे बात धर्म की बताई थी।
तहे दिल त नमन इन सांगिया न या परंपरा खास चलाई थी।


59. गुण गान उनका भी है जो गुमनाम रह गए।
सम्मान उनका भी है जो हर दर्द सह गए।
सैनिक भी जरूरी हैं जब जंग की हो तैयारी।
अभिमान उनका भी है जो भावना में बह गए।
 
इस्लामी हमलों से लड़े वो देश धर्म की लड़ाई।
जौहर में कूदी थी क्षत्राणियां लाज धर्म की बचाई।
हो गई कुनबा घाणी पर आंच धर्म पर ना आई।
अरमान उनका भी है जो  धाम डह गए।
गुणगान उनका भी है जो गुमनाम रह गए।
 
अंग्रेजों ने किया राज या बात आन पे आई।
पड़ी जरूरत जब भी असंख्यों ने लड़ी लड़ाई।
अपनों से नाता तोड़ा गाथा अमर बनाई।
सिया राम उनका भी है जो बेनाम रह गए।
गुणगान उनका भी है जो गुमनाम रह गए।
 
 
दर्द भरी राहों में संतों ने आस दिखाई।
दुख दर्द मिटाए ललक धर्म की जगाई।
हथियार उठा के लड़े थे सन्यासी आजादी की लड़ाई।
वरदान उनका भी है जो गूढ़ ज्ञान  कह गए।
गुणगान उनका भी है जो गुमनाम रह गए।

  60. नसीब में अपने गर वर्दी नहीं है।
तो क्या देश भक्ति हो सकती नहीं है।
मौके मिलेंगे हजारों फिर भी।
प्रेम की परिभाषा होती नहीं है।
 
दूर विदेश में जाके ना कर दें नाम खराब।
छवि देश की याद रखें नीच हरकत ना कर दें जनाब।
इज्जत करो इज्जत मिलेगी, बढ़ेगा मान सम्मान।
कलंक की छींटे कभी धुलती नहीं हैं।
नसीब में अपने गर वर्दी नहीं है।
तो क्या देश  भक्ति हो सकती नहीं है।
 
गरीब लाचार अनाथ को अगर देदें हम शरण।
स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत का लें लें हम प्रण।
चोरी चकारी छोड़कर निर्मल कर लें अंत: करण।
नशा मिलावटखोरी करके ना कर दें दुर्लभ मरण।
जैविक खेती करने से शुद्ध हो पेट भरण।
जल बचाएं कंट्रोल करें प्रदूषण।
भ्रष्टाचारी व्यभिचारी हैं नीच के लक्षण।
टैक्स भरें ऐश करें गलत ना धरें चरण।
अच्छाई का साथ और बुराई का संहार
रीत देश की रही है।
नसीब में अपने गर वर्दी नहीं है।
तो क्या देश भक्ति हो सकती नहीं है।
 
 
61.  हमने मौसम बदलते देखे हैं।
हमने इंसान  बदलते देखें हैं।
हमने वक्त बदलते देखें हैं।
हमने ज़माने बदलते देखे हैं।
 
गामा म भी रामलीला देखी, लारा लांदे बेड़े देखे ।
कातक के म नाच गाने देखे, जोहड़ा म नहाणे देखे ।
गुगा वीर की छड़ी देखी ,तीज त्योहार प पिंग झूलते जोड़े देखे।
गरड़ी दिवाली म हीड़ों जलांदे, दिए चसांदे मंडेरे देखे।
सात कन्या जिमदी देखी, खीर हालवा पुड़े देखे, 
फाग के कोरड़े देखे,होली जलांदे प्रह्लाद काडदे छोरे देखे।
डमैल थापदे, झाड़ टांगदे, गीत गांदे चहरे देखे।
दूज की बाकली खिल पतासे देखे, बामणा का सीधा देंदें सारे देखे।
धर्म के गीत गान्दे देखे दुर्गा पूजा,मूर्ति विसर्जन और जगरातों में।
अब फूहड़ संगीत बजते हैं, नशा फैला है भक्तों 
में।
हमने त्योहार बदलते देखे हैं।
हमने मौसम बदलते देखे हैं।
 
 
गलियां म विडीओ वीसीआर देखे , सांग भरते सांगी देखे, 
डंगोसरा की खेती देखी, दोघड़ भरती बीर देखी,
हाली पाली देखे,गाय बलद भैंस की खूब करते सेवा देखे।
गीत गांदे कैसूड़े देखे,होते सात फेरे देखे।
दो चार दिन के बाराती देखे, बाने देंदे  निरे देखे।
सांझी गांदे, खड़खोडिया गांदे,डूका फेरा के गीत देखे।
बनड़ा गान्दे, सेहरा गान्दे, छटी गान्दे, पीलिया ल्यान्दे, भात भरदे भाई देखें।
बामण नाई दर्जी खास तौर प रलाये ज्यान्दे ब्याह शादी के मौके प।
आपस म काम करवान्दे, खुद जिमान्दे चौके प।
हमने रिवाज बदलते देखे हैं।
हमने वक्त बदलते देखे हैं।
 
चून पीसना, सानी काटना, दूध बिलोना,सूत कातना सारे हाथ के काम देखे।
बहाई बोई करना,लामणी करना, फसल झाड़ना
सिर प ढोन्दे नाज देखे।
कई कोस पैदल चालदे, राह चालदअ  की करदे पूछ पाछ देखे।
गाम गूवान्ड का आण जाण, कई दिन रुकदे रिस्तेदार देखे।
 खाती लुहार, डूम चमार न तील तूड़ी गेहूं दें दें किसान देखे।
भीड़ पड़ी म हाथ थामदे,मददगार थे लाचारी म।
ईमान धर्म इंसानियत मिटगे लालच की दुनियादारी म।
हमने ब्याहार बदलते देखे हैं।
हमने इंसान बदलते देखे हैं।

62. हलाला बयां करता है दर्द भरी कहानियां।
बच्चे जनते जनते सूख जाती हैं बच्चेदानियां।
तलाक के दर्द से सिसकती हैं जवानियां।
बहुविवाह की आग में तड़फती हैं जिंदगानियां।
कोड़े खाती महिलाएं डरावनी हैं निशानियां।
 
 
बूढे संग ब्याह देते हैं 14/15 साल की बच्चीयां ।
बच्चे पैदा करते करते डान्चा बन जाती हैं  हड्डियां।
बचपन की बहनें, बहनों की बेटियां भी  बन जाती हैं बीबीयां।
कभी बीबी, कभी माँ ,कभी भाभी, कभी बहु
रिश्तों की ये कैसी हैं बेहयाइयां ।
किसके बीज पड़े गर्भ में, उलझन में हैं गर्भदानियां।
हलाला बयां करता है दर्द की कहानियां।
 
दूर खड़ी मस्जिद से नारी, कैसी हैं मनमानियां।
तलाक तलाक खेलते हैं, मजबूर हैं नारीयां।
कभी पति की माँ बन जाती,कभी बन जाती भाभियाँ।
कभी पति की बहु बन जाती,कभी बन जाती दादीयां।
तलाक के दर्द से सिसकती हैं जवानियां।
 
मदरसे में बलात्कार ,कभी आतंक की सुलगती हैं चिंगारीयां।
काफिर को खत्म करने की सिखाई जाती हैं जिहादीयां।
मस्जिद से फतवे हैं निकलते,देश छोड़ दो,सौंप दो जनानियां।
राज पाट मिलते ही बर्बरता की लिखते हैं कहानियां।
जो मौला सिखाये दानवता,जो किताब सिखाये जानवरता,
असुरों के हैं काम ये, असुरों की हैं पोथीयां।


63. 
टेम टेम की बात है सारी।
कदे दुश्मनी कदे यारी।
कदे नरमाई कदे रंगदारी।
कदे हाथ जोड़ के काम चलाया,
 कदे लठ भी ठाये हैं।
कदे सर फोड़ के आए, कदे खुद भी लठ खाये हैं।
पंचायती चौधरी हाँ, पंचायता म न्याय दिलाये हैं।
 
दूध घी पकवान खाके खेला की करी त्यारी।
पुलिस फौज की भर्ती देखी, फेर खेतां के बनगे जुवारी।
बरछी बरगे गात म्हारे,कॉलेज म धुमे ठाये हैं।
मेला म भी लठ खाये, होटला प जुत बजाये हैं।
कैसूड़ा पे रंग जमाये, लात घुसे खूब चलाये हैं।
पंचायती चौधरी हाँ, पंचायता म न्याय दिलाये हैं।
 
 रोब मारा बोर मारा डॉट मार दा भारी.
माचले होड़े जाट सा, फोर तार दा सारी।
छौला है मिजाज म्हारा,टोर सब ते न्यारी।
रौले रबदे नशे पत्ते न घर घर चिराग बुझाये हैं,
मन का आपा राखिए, काबू साचा राखिये।
भले माणसा न संदेश प्रेम के सुनाए हैं।

64. काले धोले कुडते पाहरा, टोपी जाली रांखा र।
राज हाथ मे आए पाछ्ह, पुलिस न तो पाली रांखा र।
हिन्दू फोबिया ज़हर भरा, राम भक्ता खातर दुनाली रांखा र।
थूक मिला द्या खानअ म, पत्थर मारा वाणअ म,जिहाद की रुखाली रांखा र।
 
लूट खसोट डकैती डाला, गोज आपणी खाली रांखा र।
बालका की तो रेल बना दा, 4 - 4 घर आली रांखा र।
काफिर का हम चारा बना द्या,सूटकेश म पैक घर आली रांखा र।
खून खराबा बलात्कार मचा द्या,
सोच गन्दी नज़र काली रांखा र।
घुसपेठ करा शरणार्थी बना, हाथ फैलाये झोली झाली रांखा र।
देश के देश कब्ज़ा ल्या शक्ल बोली बाली रांखा र।
 

  65. बेच के जमीन कुनबा रहव स यो टोरे म।
दो चार साल की मौज है या फेर हाथ रहव स
 कटोरे म।
ना धन बचअ ना खेत रहव,  बालक पड़ज्या चोरी डकैती नशेखोरे म।
दादालाई खेत बेच के आसान बहुत स खाना।
खेत खरीदोगे जद बेरा पाटअ के हो स कमाना।
जुड़दी कोन्या चीज उम्र बित जा स लटोरे म।
जुड़ी जड़ाई चीज न क्यूं डालो सो खोरे म।
 
जमीन कदे भी धोखा नी दे, धोखेबाज़ी तो स इंसानी मखोरे म।
बंजर हो चाहे उपजाऊ जमीना आले रह स डठोरे म।
काम धंधे जब बंद पड़े थे, दौर बुरा था कोरोना।
धरती माँ न साथ ना छोड़ा, दिया भतेरा सोना।
जमीन बेचनीये खुश नी रहन्दे पीढ़ी बंद जा बोरे म।
मजबूरी म तो करना पड़ जे, ना डिगाओ ऐश आराम मजेखोरे म। (चटखोरे म)
 
खेत काट दिये उद्योग,सडक और डेरे म। (डेरा मतलब प्लाट)
सौन्वा न रोजगार मिलअ लाखों मर ज्यां बेकारे म।
फ़र्ज़ी पर्ची (रोजगार आंकड़े) म उलझा राखा है जमाना।
जिसकी बिक जा धरती सौ पीढ़ी पड़अ 
पछताना।
अन्न जल जंगल ख़त्म कर दिये, तु बड़ग्या आदमखोरे म।
हरी भरी हरियाली न, क्यूं  बदलअ स कंकोरे म। (कंकोरे मतलब कंक्रीट के जंगल)


 

















































 

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