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 सबसे  शक्तिशाली  वो  होता  है  जो  जख्मी  और  मज़बूर  होता  है , क्यूंकि  न  उसे   जीने  की  तमन्ना  होती  है  न  मरने  का  दर  होता  है -- नरेंद्र  कुमार   

 

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रिपब्लिक  ऑफ़  इंडिया (भारतीय  गणराज्य ).राजधानी --नई  दिल्ली . क्षेत्रफल --32.87263 वर्ग  किलोमीटर  .मुद्रा --इंडियन  रुपया .राष्ट्रीय  भाषा --हिंदी (लिपि -देवनागरी ).भारत  स्वतंत्र  हुआ  15-अगस्त -1947 को .सविधान  लागु  हुआ  26-
जनवरी -1950 को .

राष्ट्रीय मुद्रा चिन्ह  

rashtriya mudra chinha के लिए इमेज परिणाम


1. संसद ---संघीय  सरकार   की  व्यवस्थापिका  सभा  को  संसद  कहते  हैं .इसमें  

 राष्ट्रपति ,लोकसभा ,राज्यसभा  तीनो  सम्मिलित  होते  हैं . 

राज्य  सभा  और  लोक  सभा -भारतीय  सविधान  में  संसद  के  दो  सदनों  का  प्रावधान  है .राज्य  सभा  को  ऊपरी (अपर हाउस ) और  लोक  सभा  को  निचला (लोअर  हाउस ) सदन  कहते  हैं .लोक  सभा  को  'हाउस  ऑफ़  प्यूपल ' भी  कहते  हैं .लोक  सभा  में  550 निर्वाचित  सदस्य  राज्यों  से , 20 निर्वाचित  सदस्य  केंद्र  शासित  प्रदेशो  से  (यूनियन  टेरिटरीज ) होते  हैं .दो  सदस्य  एंग्लो -इंडियन  समाज  से  राष्ट्रपति  मनोनीत  (नॉमिनेट ) कर  सकता  है .लोक  सभा  का  समय  5 साल  होता  है .यह  5 साल  से  पहले  भी भंग हो  सकती है .लोक  सभा  सदस्य  बनने के लिए भारतीय  नागरिक होना जरुरी है और  उसकी  उम्र  25 साल  से  कम  न  हो .लोक  सभा  अध्यक्ष (स्पीकर ) और  उपाध्यक्ष (डिप्टी  स्पीकर ) लोक  सभा  सदस्यों  द्वारा  चुने  जाते  हैं , जो  सदन  को  सुचारु  रूप  से  चलाते   हैं .


राज्य  सभा  में  250 सदस्य  होते  हैं. 238 राज्यों  और  केंद्र  शासित  प्रदेशों  से  चुने  जाते  हैं. 12 सदस्य  राष्ट्रपति  द्वारा  मनोनीत  किये  जाते  हैं .राज्य  सभा  सदस्य बनने के लिए भारतीय  नागरिक होना जरुरी है और  उसकी  उम्र  30 साल  से  काम  न  हो .राज्य  सभा  सदस्य  राज्यों  के  लोक  सभा  सदस्यों (मेंबर्स  ऑफ़  थे  लेजिस्लेटिव  असेंबली ) द्वारा  चुने  जाते  हैं .राज्यसभा  चुनाव  में  राज्यों  को  प्रतिनिधित्व  जनसँख्या  अनुपात  के आधार   पर  मिलता  है .राज्यसभा  के  एक  तिहाई  सदस्य  प्रत्येक  2 वर्ष  के  बाद  अवकाश  ग्रहण  कर  लेते  हैं  और  उतने  ही  निर्वाचित  होते  हैं .मनोनीत  सदस्यों  को  किसी  विशेष  क्षेत्र  में  विशेष  ज्ञान  होना  चाहिए .राज्य  सभा  का  कार्यकाल  6 साल  होता  है . यह  6 साल  से  पहले  भंग  नहीं  हो सकती.यानि की राज्य सभा कभी भंग नहीं होती है।राज्य  सभा  में  चेयरमैन  और  डिप्टी  चेयरमैन  होते   हैं , जो  सदन  को   सुचारु  रूप  से  चलाते   हैं .उपराष्ट्रपति  चेयरमैन  होता  है  और  डिप्टी  चेयरमैन  राज्य  सभा  सदस्यों  द्वारा  चुना  जाता  है .


2. राष्ट्रीय  चिन्ह -- भारत  का  राष्ट्रीय  चिन्ह अशोक चक्र है. जो उत्तर  प्रदेश  में  वाराणसी  के  पास  सारनाथ  में  प्रसिद्ध  'सिंह -लाट '(अशोक चक्र  ) की आकृति से लिया गया है।यह  आकृति  सम्राट अशोक  ने  ईशा से 300 साल  पहले  बनवाई  थी .इस  आकृति  में  4 सिंह  चारों  दिशाओं  में  मुँह  किये हैं . एक  गोल  शीर्ष  फलक  पर  खड़े  हैं .शीर्ष  फलक  के  चारों  और  रक्षक  पशु  हैं .उत्तर  की  और  शेर (सिंह ),दक्षिण  की  और  घोड़ा ,पूर्व  में  हाथी , पश्चिम  में  सांड (बेल ) है .राष्ट्रीय  चिन्ह  के  नीचे  'सत्यमेव  जयते ' लिखा  हुआ  है .जो  'मुण्डक उपनिषद ' से  लिया  गया  है .जिसका  अर्थ  है  'केवल  सत्य  की  विजय  होती  है .


3. राष्ट्रीय  पशु -- पिले  रंग  पर  काली  धारियों  वाला  'बाघ (टाइगर )' भारत  का  राष्ट्रीय   पशु  है .यह  अपनी  शक्ति  के  लिए  प्रसिद्ध  है .


4. राष्ट्रीय  पक्षी -- 'मोर ' ( पीकॉक ) भारत  का  राष्ट्रीय  पक्षी  है .यह  जब  अपने  पंख  फैलाकर  नाचता  है  तो  बहुत  सुंदर  लगता  है .


5. राष्ट्रीय  पुष्प --'कमल '( लोटस ) भारत  का  राष्ट्रीय  पुष्प (फूल ) है .यह  पानी  में  जन्म  लेता  है .एक  के  ऊपर  एक  बहुत  सी  पंखुड़ियों वाला  होता है .यह  फूल  सुंदर  रंगो  के  कारण और  मादक  सुगंध  के  कारण  प्रसिद्ध  है .


6. राष्ट्रीय  फल  (FRUIT) -- ' आम '  भारत  का  राष्ट्रीय  फल  है . यह  विश्व   के  उष्ण - कटिबंधीय  क्षेत्रो  में पाया  जाता  है . आम  की  विश्व  में  बहुत  सी  किश्मे  हैं . यह  पुरे   विश्व  में  पसंद  किया  जाता  है . इसलिए  इसे  ' फलो  का  राजा ( किंग  ऑफ़  फ्रूट )' भी  कहते  हैं .


7. राष्ट्रीय  वृक्ष --'बरगद ' भारत  का  राष्ट्रीय  वृक्ष  है . यह  अपनी   टहनियों  से  नयी जड़े  उगा  कर  नया  पौधा  तैयार  कर  लेता  है . इसलिए  इसे  अमर  माना  जाता  है . इसे  पूजनीय   वृक्ष  माना  गया  है .

8. राष्ट्रीय  ध्वज -- भारत  का  राष्ट्रीय ध्वज  खादी की  तीन  अलग - अलग  रंगो  वाली  पट्टियों  से  बना  है . ऊपर  केसरी , बिच  में  सफ़ेद , निचे  हरा  रंग . केसरी   रंग  सहस , त्याग  और  बलिदान  का  प्रतिक  है . सफ़ेद  रंग  शांति , सत्य  और  पवित्रता  का  प्रतिक  है . हरा  रंग   हरियाली  का  प्रतिक  है . सफ़ेद  रंग  के  मध्य  में गहरे  नीले  रंग  का  धर्मचक्र  न्याय  और  गति  का  प्रतिक  है . धर्मचक्र   में 24  तीलियाँ  हैं  जो  दिन - रात  की  प्रतिक  हैं . राष्ट्रीय   ध्वज  की  लम्बाई - चौड़ाई  3:2 निश्चित  है . इसका  डिज़ाइन  पिंगली  वैकेया  द्वारा  बनाया  गया .


9. राष्ट्रीय  गान -- भारत  का  राष्ट्रीय  गान  ' जन - गण - मन ' है . जिसे  रविंद्रनाथ  टैगोर  ने  लिखा  था . इसे  24 जनवरी  1950 में  सविंधान  सभा  ने  अपनाया  था . इसका  गायन   समय  52 सेकंड  है . राष्ट्रीय  गान   1911 में  पहली  बार  गाया  गया  था .

10. राष्ट्रीय  गीत -- भारत  का  राष्ट्रीय  गीत   ' वन्दे - मातरम ' है . जिसे   बंकिमचंद्र  चटर्जी  ने  लिखा  था . सन 1896 में  ' भारतीय  राष्ट्रीय  कॉग्रेस ' के  अधिवेशन  में  इसे  पहली  बार  गाया  गया  था .

11. झंडा  गीत --- 'विजयी  विस्व  तिरंगा  प्यारा , झंडा  ऊँचा  रहे  हमारा , भारत  का  झंडा  गीत  है . जिसे  श्यामलाल  गुप्त  प्रसाद  ने  लिखा  था .

12. राष्ट्रीय  पंचांग -- शक  सम्वत ( विक्रम  सम्वत ) है . चैत्र ,वैशाख , जेष्ठ , आषाढ़ , श्रावण , भादो  , आश्विन , कार्तिक , मार्गशीर्ष , पौष , माघ , फाल्गुन  आदि  12 महीने  होते  हैं . 

 

13. भारतीय  सविधान  में  22 भाषाएँ  स्वीकृत  हैं .

14. राजभाषा --- हिंदी . जो  की  सविधान  सभा  द्वारा  14-सितम्बर - 1949 को  स्वीकृत  की  गई . हिंदी  को  संघ  की  राजभाषा  का  दर्ज़ा  सविधान  के  256 वे  अनुच्छेद  द्वारा  दिया  गया .




15. स्वेत  क्रांति -- ' वर्गीस  कुरियन ' को  भारत  की  ' स्वेत  क्रांति ' का  जनक  माना  जाता  है . उन्होंने  गुजरात  के  आनंद  शहर  में सहकारी  डेरी  विकास  के  एक  मॉडल  की  स्थापना   की . उन्होंने  अमूल  ब्रांड  स्थापित  किया . स्वेत  क्रांति   की  वजह  से  भारत  सबसे  बढ़ा  दुग्ध  उत्पादक  देश  बना .

16. हरित  क्रांति -- ' हरित  क्रांति ' के  जनक  थे  सी .सुब्रमण्यम . 1943 में  बंगाल  में  जबरदस्त  अकाल  पड़ा. जिसमे  40 लाख लोग  मर  गए . आज़ादी   के  बाद  खाद्य  उत्पादन  पर  ज़ोर  दिया  गया  मगर  सफलता  नहीं  मिली . फिर  70 के दशक  में  जब  सी. सुब्रमण्यम  खाद्य  और  कृषि  मंत्री  बने  तो  उन्होंने  हरित  क्रांति  की  योजना  बनाई . जिसमे  खेतिहर  भूमि  का  विस्तार , एक  साल  में  दो  फसल  उगाना , बेहतर  बीज  आयात  और बीज तैयार  करना  शामिल  था .

17. मौलिक  अधिकार ---

१. समानता  का  अधिकार . 

२. स्वतंत्रता  का  अधिकार . 

३. शोषण  के  विरूद्ध  अधिकार . 

४. धार्मिक  स्वतंत्रता  का  अधिकार . 

५. संस्कृति  और  शिक्षा  सम्बन्धी  अधिकार . 

६. सवैधानिक  उपचारों  का  अधिकार . 

७. प्राथमिक  शिक्षा  का  अधिकार . 


बाहरी  आक्रमण , आंतरिक  गड़बड़ी , संकटकालीन  परिस्थिति  में  ये  स्थगित  किये  जा  सकते  हैं .

18. मूल  कर्त्तव्य --- ये  सविधान  में  1976 में  42 वे  संशोधन  द्वारा  जोड़े  गए . 

१. राष्ट्रीय  प्रतीकों  और  सविधान  का  सम्मान . 

२. बंधुत्व  की  भावना  फैलाना . 

३. देश  सेवा  और  देश  रक्षा  करना . 

४. सार्वजानिक  सम्पति  की  रक्षा  करना . 

५. भारतीय  सम्प्रभुता , अखंडता  और  एकता  का  सरंक्षण  करना . 

६. धर्म - निरपेक्षता  का  सम्मान  और  सुरक्षा  करना . 

७. प्राणियों  के  प्रति  दया  करना . 


19. भारतीय  नागरिकता  लेने  के  तरीके ---

१. जन्म  द्वारा . 

२. वंशाधिकार  द्वारा . 

३. पंजीकरण  द्वारा . 

४. भूमि  या  संघ  में  सम्मिलित  करने  पर . 

५. देशीयकरण  द्वारा .


स्वतंत्रता दिवस -- 

     प्रत्येक साल स्वतंत्रता दिवस ( 15-अगस्त ) के मौके पर प्रंधानमंत्री लाल किले पर ध्वजारोहण करते हैं। वहीं गणतंत्र दिवस ( 26 जनवरी ) के मौके पर राजपथ पर राष्ट्रपति तिरंगा फहराकर उसे नमन करते हैं। क्या आप जानते हैं दोनों राष्ट्रीय समारोह के स्थल अलग-अलग क्यों हैं? दोनों दिवस पर झंडा फहराने में क्या अंतर है?
15 अगस्त के दिन देश को आजादी मिली थी। इसी दिन ब्रिटिश झंडे को उतारकर भारतीय ध्वज को ऊपर चढ़ाया गया और फहराया गया था। झंडे को नीचे से ऊपर ले जाकर फहराने की इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण ( Flag Hoisting ) कहते हैं। इसलिए 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया जाता है। वहीं 26 जनवरी को हमारा संविधान लागू हुआ था। इसलिए उस दिन पहले से ऊपर बंधे झंडे को केवल फहराया ( Flag Unfurling ) जाता है।
 
 
प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण --- 
 
15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। वहीं 26 जनवरी को राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रधानमंत्री देश के राजनीतिक प्रमुख होते हैं, जबकि राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होते हैं। 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ था, इसलिए गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।। इससे पहले आजाद भारत का न तो कोई संविधान था और न ही राष्ट्रपति था।
 
लाल किला व राजपथ ----
 
स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन लाल किले पर ही किया जाता है। दरअसल, 15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ, भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किला स्थित लाहौरी गेट के ऊपर से ही भारतीय ध्वज फहराया था। वहीं 26 जनवरी 1950 को आजाद भारत का संविधान लागू होने पर पहले गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन राजपथ पर किया गया था। बाद के कुछ वर्ष में गणतंत्र दिवस का आयोजन कुछ अलग जगहों पर भी किया गया था।
 
पीएम व राष्ट्रपति का संबोधन ---
 
15 अगस्त पर प्रधानमंत्री लाल किले से देश को संबोधित करते हैं, जबकि इसकी पूर्व संध्या पर मतलब 14 अगस्त की शाम को राष्ट्रपति राष्ट्र को संबोधित करते हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर किसी का संबोधन नहीं होता है।
 
समारोह स्थल  --- 
 
15 अगस्त और 26 जनवरी का दिन देश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण है। दोनों दिन धूमधाम से देश की राजधानी दिल्ली में सरकारी स्तर पर सार्वजनिक समारोह आयोजित किए जाते हैं। देश के अन्य हिस्सों और सभी राज्यों में भी इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं। बावजूद इन कार्यक्रमों में कुछ आधारभूत अंतर होता है। 15 अगस्त के दिन परेड का आयोजन नहीं होता है, जबकि 26 जनवरी पर सैनिकों, अर्धसैनिक बलों आदि की काफी लंबी परेड होती है। इसमें दिलकश झाकियां और रंगारंग कार्यक्रम को भी शामिल किया जाता है। गणतंत्र दिवस समारोह के जरिए देश जल, थल और नभ में अपनी सैन्य ताकत और संस्कृति की झलग का प्रदर्शन करता है।
 
मुख्य अतिथि ---
 
   स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त समारोह में बाहर से किसी मुख्य अतिथि को बुलाने की परंपरा नहीं है, जबकि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस समारोह में किसी न किसी राष्ट्राध्यक्ष को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया जाता है।


स्वतंत्रता दिवस खास --

     भारत में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। एक ही दिन आजाद हुए थे भारत और पाकिस्तान, फिर क्यों 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है पाक. वहीं पाकिस्तान हर साल 14 अगस्त को यानी एक दिन पहले ही अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है।  सवाल उठता है कि आखिर क्यों पाकिस्तान 15 अगस्त की जगह 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है? ऐसा भी कहा जाता है कि पाकिस्तान ने अपना पहला स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही मनाया था लेकिन बाद में फिर क्यों ये तारीख 15 अगस्त से 14 अगस्त हो गई। यहीं नहीं पाकिस्तान के 'कायदे-आजम' मुहम्मद अली जिन्ना ने देश के नाम पहले संबोधन में 15 अगस्त की बधाई दी थी। उन्होंने कहा था, ‘ढेर सारी खुशियों के साथ मैं आपको बधाइयां देता हूं। 15 अगस्त स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र पाकिस्तान का जन्मदिन है।' मीडिया रिपोर्ट्स और इतिहासकार द्वारा लिखी गई किताबों में पाकिस्तान के 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने के पीछे दो वजहें बताई जाती रही हैं। 
 
- दरअसल इंडियन इंडिपेंडेंस बिल 4 जुलाई को ब्रिटिश संसद में पेश हुआ था और इसने 15 जुलाई को कानून की शक्ल ली थी। इस बिल के मुताबिक 14-15 अगस्त की मध्यरात्रि को भारत का बंटवारा होना था। आधी रात को भारत और पाकिस्तान नाम के दो नए देश वजूद में आने थे। पाकिस्तानी इतिहासकार केके अजीज अपनी किताब 'मर्डर ऑफ हिस्ट्री' में लिखते हैं कि इन दोनों देशों को सत्ता का हस्तांतरण वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को करना था। माउंटबेटन एक ही वक्त पर यानी 15 अगस्त को नई दिल्ली और कराची में मौजूद नहीं हो सकते थे। दोनों जगहों पर उनका होना जरूरी था। ऐसे में लॉर्ड माउंटबेटन ने वायसराय रहते हुए 14 अगस्त को पाकिस्तान को सत्ता हस्तांतरित कर दी। रिपोर्ट्स बताती हैं कि 14 अगस्त को वायसराय के सत्ता हस्तांतरित करने के बाद ही कराची में पाकिस्तानी झंडा फहरा दिया गया था। इसलिए बाद में पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस की तारीख 14 अगस्त ही कर दी गई। कई इतिहासकार बताते हैं कि तथ्यात्मक साक्ष्यों के मुताबिक हिन्दुस्तान और पाकिस्तान को एक ही दिन आजादी मिली थी। लेकिन, बस उन्हें दस्तावेज एक दिन पहले मिले थे, यही वजह है कि वहां एक दिन पहले स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 1947 में 14 अगस्त को रमजान का 27वां दिन यानी शब-ए-कद्र था। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक धार्मिक ग्रंथ कुरान इसी रात उतारा गया था। इसके बाद पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को ही मनाया जाने लगा।
 
  15- अप्रैल  -1947 को  भारतीय  राष्ट्रीय  कांग्रेस   समिति  ने  भारत  विभाजन  का  प्रस्ताव  पारित  किया . भारत  की  अंतरिम  सरकार  जवाहर  लाल  नेहरू  की  अध्यक्षता  में  सितम्बर -1946 में  बनी थी . ब्रिटिश  संसद  ने  भारतीय  स्वतंत्रता  अधिनियम  18- जुलाई -1947 में  पारित  किया था . 
 
 
 

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